कई देशों ने ऑक्सफोर्ड-ऐस्ट्राजेनेका वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगाई, खून का थक्का जमने का मामला सामने आया

कई देशों ने ऑक्सफोर्ड-ऐस्ट्राजेनेका वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगाई, खून का थक्का जमने का मामला सामने आया

सेहतराग टीम

सीरम इंस्टिट्यूट का कोविशील्ड भारत का प्रमुख कोविड टीका है। इसे 'ऑक्सफोर्ड' या 'एस्ट्राज़ेनेका' टीका भी कहा जाता है। पिछले कुछ दिनों में कई जगहों से वैक्सीन लेने के बाद खून के थक्के जमने का मामला भी सामने आया। इसके बाद जर्मनी, फ्रांस, आयरलैंड, नॉर्वे, डेनमार्क और नीदरलैंड के साथ 11 यूरोपीय देशों ने इस वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।

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बता दें कि एस्ट्राजेनेका का इस बाबत कहना है कि ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है कि इस वैक्सीन के इस्तेमाल से खून के थक्के जमने जैसी घटना सामने आई हो। बता दें कि यूरोपिय संघ और ब्रिटेन में 1.7 करोड़ लोगों को यह वैक्सीन लगाया जा चुका है। इनमें से 37 ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें लोगों में खून के थक्के जमने को लेकर शिकायत मिली है।

ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि यह वैक्सीन बिल्कुल ठीक है और इसका उपयोग जारी रखा जा सकता है। डॉ. सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के अधिकारी लोगों को डराना नहीं चाहते हैं। इस वैक्सीन पर पूरी निगरानी रखी जा रही है। दुनिया में इस वैक्सीन की 30 करोड़ खुराक लोगों की दी जा चुकी है लेकिन वैक्सीन से मृत्यु के कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं है।

भारत में अब तक कम से कम 2.8 करोड़ लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है, जिसमें अधिकतर एस्ट्राजेनेका के हैं, जिसका उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में हो रहा है। भारत ने वैक्सीन डिप्लोमैसी के तहत करीब 70 देशों को ये टीके भेजे हैं। कई देशों को टीके मुफ्त में भी दिए गए हैं।

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